What is NATO in hindi नाटो क्या है, नाटो का पूरा नाम क्या है, नाटो में कितने सदस्य देश है, नाटो का उद्देश्य क्या है और नाटो का मुख्यालय कहां है ? यह लेख पढ़ने के बाद आपको इन सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगे। जब से रूस और यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ तब से (NATO) नाटो का नाम बार बार लिया जा रहा हैं। इस युद्ध का सबसे बड़ा कारण ही नाटो को बताया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है की नाटो क्या है और नाटो का क्या उद्देश्य है। यदि नहीं तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि नाटो का पूरा नाम क्या है?
नाटो एक यूरोपीय देशों का सैन्य संगठन है जिसमे आज की घड़ी में ३० देश सामिल है। यह एक विश्व का सबसे बड़ा सैन्य संगठन है जिसे अमेरिका द्वारा बनाया गया था। सभी सदस्य देशों की सुरक्षा करना नाटो का मुख्य उद्देश्य है।
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नाटो क्या है? | What is NATO in hindi
NATO जिसे की उत्तर अटलांटिक सैन्य संगठन कहा जाता है यह एक अमेरिका और यूरोपीय देशों का सैन्य संगठन है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इसे अमेरिका द्वारा बनाया गया है। दूसरे विश्व युद्ध में सभी यूरोपीय देशों का जैविक और वित्तीय नुकसान बहुत ज्यादा हुआ था। ऐसे सभी यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए और बाद में ऐसा भयानक युद्ध दुबारा न हो इसलिए अमेरिका द्वारा एक सैन्य संगठन की स्थापना की गई जिसे नाटो यह नाम दिया गया था।
जब नाटो की स्थापना हुई तब नाटो में अमेरिका, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन जैसे १२ देश सामिल थे। जो भी देश नाटो के सदस्य है उन सभी देशों की राजकीय और आंतराष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी नाटो ने ली। नाटो की सहायता लेने के लिए किसी भी देश को सबसे पहले नाटो का सदस्य होना बेहद जरूरी है। क्योंकि नाटो सिर्फ अपनी सदस्य देशों की सुरक्षा की ही जिम्मेदारी लेता है, वह अन्य देशों की सुरक्षा से कोई ताल्लुक नहीं रखता है।
यदि कोई देश नाटो का सदस्य बनना चाहता है तो उसकी सबसे पहली अट यह है की वह एक यूरोपीय देश होना चाहिए क्योंकि अमेरिका ने नाटो की स्थापना केवल यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए ही की थी। लेकिन आज नाटो ने अपने दरवाजे सभी देशों के लिए खुले किए हैं। यदि यूरोपीय देशों के अलावा कोई अन्य देश नाटो का सदस्य बनना चाहता है और सभी नाटो के ३० सदस्य उसे मान्यता देते है तभी वह देश नाटो सैन्य संगठन का हिस्सा बन सकता है।
नाटो का पूरा नाम क्या है? | Full form of NATO in hindi
NATO यह एक अमेरिका द्वारा बनाया गया यूरोपीय देशों का सैन्य संगठन है और नाटो का पूरा नाम North Atlantic Treaty Organization हैं। यह एक ऐसा संघटन है जो अपने सभी सदस्य देशों को सुरक्षा प्रदान करता है। नाटो को हिंदी में उत्तर अटलांटिक सैन्य संगठन कहा जाता हैं। यदि नाटो के किसी सदस्य देश पर हमला होता है तो उसे नाटो स्वयं पर हमला मानता है और उस सदस्य देश की मदत करता है।
सभी सदस्य देश अपना सैन्य उस देश को बचाने के लिए और उसके शत्रु राष्ट्र को करारा जवाब देने को भेज देते है ताकि कोई अन्य देश नाटो के सदस्य देशों पर हमला करने की कोशिश न करें। लेकिन नाटो के पास खुदका कोई सैन्य नहीं है, सैन्य संगठन के लिए नाटो अपने सदस्य देशों पर निर्भर करता है।
नाटो का मुख्यालय कहां है? | NATO headquarter
NATO का मुख्यालय बेल्जियम देश की राजधानी ब्रुसेल्स में है। नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग है। यह एक दूसरे युद्ध के बाद स्थापित सबसे बड़ा सैन्य संगठन है। इस संघटन का मुख्य लक्ष्य राजनैतिक और सैन्य संघटन की मदत से अपने मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा करना और उनकी स्वतंत्रता को बनाए रखना है।
नाटो की स्थापना कब हुई ?
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ४ अप्रैल १९४९ को नाटो की स्थापना की गई। इस दिवस को नाटो का स्थापना दिवस की तौर पर यूरोपीय देश मानते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में हुआ नुकसान दुबारा न हो और सभी यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए अमेरिका द्वारा इस नाटो सैन्य संगठन को बनाया गया था।
जब नाटो की स्थापना हुई तब नाटो में अमेरिका, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जेमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल और ब्रिटन या १२ सदस्य देश थे। उसके बाद नाटो में कई सारे देश सामिल होने लगे।
१८ फरवरी १९५२ को ग्रीस और टर्की यह दो देशों ने नाटो में सदस्यता ली। ९ मैं १९५५ में जर्मनी भी नाटो में शामिल हुआ। १२ मार्च १९९० को चेक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड यह तीन देश नाटो सैन्य संगठन में शामिल हुए। २९ मार्च २००७ को सबसे ज्यादा यानी एक साथ सात देशों ने नाटो की सदस्यता ली। इनमें बुलगारिया, इस्तोनिया, लातविया, लिथोनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया यह ७ देश शामिल थे।
उसके बाद १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया यह दो देश नाटो में शामिल हुए। ५ जून २०१७ को मोंटेनेग्रो यह देश नाटो में शामिल हुआ। सन २०२० के पहले नाटो में २९ सदस्य देश थे। लेकिन २०२० में मैसेडोनिया या नाटो में शामिल होने वाला सबसे नया राष्ट्र है। इसलिए आज २०२२ में नाटो में लगभग ३० सदस्य राष्ट्र है।
नाटो में कितने सदस्य देश है ?
जब १९४९ में नाटो की स्थापना हुई तब नाटो में अमेरिका सहित अन्य ११ देश थे। लेकिन नाटो का बढ़ता प्रभाव देखकर आंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए और अपनी देश की सुरक्षा के लिए उसके बाद कई सारे देश नाटो में शामिल हुए। आज कुल ३० यूरोपीय देश नाटो के सदस्य देश है।
आज नाटो के कुल सदस्यों में निम्नलिखित ३० देश शामिल हैं : अल्बानिया, बेल्जियम, बुलगानिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथियानिया, लक्जेमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, मोंटेनेग्रो और मैसेडोनिया।
नाटो का उद्देश्य क्या है? नाटो की स्थापना क्यों की गई?
१९४५ में दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ। इस युद्ध में पूरा विश्व शामिल हुआ था और इस युद्ध के बाद बेहद ही भयानक परिणाम दुनिया को भुगतने पड़े। सभी देशों को जीवित और वित्तीय नुकसान को झेलना पड़ा। सभी देशों की जनता युद्ध की भयानक रूप से कांप उठी थी। कोई भी देश अब ऐसा युद्ध नहीं चाहता था। लेकिन तब भी सोवियत संघ का विस्तारवादी धोरन बढ़ता ही जा रहा था, उसे रोकना बेहद जरूरी था।
इसलिए सोवियत संघ के विस्तारवादी धोरण को रोखने के लिए और यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए अमेरिकन राष्ट्रपति ने कुछ यूरोपीय देशों के साथ मिलकर UNO यानी यूनाइटेड नेशन्स की स्थापना की। लेकिन यूनो के पास खुदकी सैन्य ताकत नहीं थी। इसलिए बाद में NATO की स्थापना की गई जो की यूरोपीय देशों का सैन्य संगठन है। यही कारण था की अमेरिका को नाटो सैन्य संघटन की स्थापना करनी पड़ी।
नाटो का उद्देश्य :
- नाटो का उद्देश्य इसके सदस्य राष्ट्रों की राजनैतिक स्वतंत्रता और सैन्य सुरक्षा को बनाए रखना है
- सोवियत संघ के पश्चिमी यूरोप में विस्तार को रोखना
- पश्चिमी यूरोपीय देशों को एक सूत्र में संघटित करना और सोवियत संघ की तुलना में अमेरिका का वर्चस्व बढ़ाना
- इस नाटो सैन्य संगठन का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय देशों को संघटित करना था ताकि सोवियत संघ को करारा जवाब दिया जा सके
यह कुछ नाटो को बनाने के उद्देश्य है।
भारत नाटो का सदस्य क्यों नहीं है ?
हालांकि नाटो यह एक यूरोपीय देशों का सैन्य संगठन है और इसका मुख्य उद्देश्य यूरोपीय देशों को सुरक्षा प्रदान करना है। इसलिए यदि कोई देश नाटो में शामिल होना चाहता है तो वह एक यूरोपीय देश होना चाहिए तभी वह नाटो में शामिल हो सकता है। हालांकि आज नाटो अपने सैन्य विस्तार को बढ़ाने के लिए अन्य देशों को भी नाटो में शामिल होने की इजाजत दे रहा है लेकिन इसके लिए नाटो के सभी ३० सदस्य देशों ने इस देश को मान्यता देना होगा।
हालांकि भारत यह यूरोपीय देश नहीं है और भारत के पास बहुत सारा सैन्य सुरक्षा बल है इसलिए वह नाटो में नहीं शामिल होना चाहता।
आपने क्या सीखा ?
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने आपको NATO kya hai के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है। इस लेख में हमने नाटो क्या है, नाटो का पूरा नाम क्या है, नाटो की स्थापना कब हुई, नाटो में कुल कितने सदस्य देश है ऐसे सभी सवालों के बारे में जानकारी हासिल की है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको यह जानकारी बेहद पसंद आई होगी। नाटो के बारे में बहुत सारे लोगों को जानकारी नहीं थी इसलिए मैंने सोचा क्यों न था महत्वपूर्ण जानकारी अपने पाठकों के साथ शेयर की जाए।