प्रदुषण पर निबंध 2021 pollution essay in hindi: विद्यार्थी मित्रों ! प्रदूषण यह मानवी जीवन को लगी हुई गंज है जो मनुष्य कि आयु को दिन ब दिन घटा रहा है। आज के आधुनिक युग में जहां एक तरफ नया तकनीक का आविष्कार हो रहा तो दूसरी तरफ वहीं आविष्कार लोगों के जीवन में खतरा पैदा कर रहा है। प्रदूषण आज कि जीवन की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है।
दोस्तों आज के इस लेख में हम पर्यावरणीय प्रदूषण के बारे में बात करेंगे। कई बार आपको स्कूल और कॉलेजों में प्रदूषण पर निबंध, प्रदूषण पर निबंध हिंदी में, pollution essay in hindi, pradushan essay in hindi लिखने को कहा जाता है।
इसलिए हमने आजके इस पोस्ट में आपके लिए प्रदूषण पर निबंध pollution essay in hindi लिखा है। यह निबंध आप सभी को बेहद फायदेमंद होगा।
Contents
- 1 प्रदूषण पर निबंध 2021 | pollution essay in hindi
प्रदूषण पर निबंध 2021 | pollution essay in hindi
प्रदूषण पर १० लाइनों में निबंध | 10 lines on pollution in hindi
- आज के आधुनिक युग की प्रदूषण यह सबसे बड़ी समस्या है।
- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण यह कुछ प्रदूषण के प्रकार है।
- पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले घटकों के कारण प्रदूषण की उत्पति होती है उन्हे प्रदूषके कहते है।
- प्रदूषण के कारण ही पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है।
- जंगलों की कटाई यह प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
- मनुष्यों ने खुदका विकास करने की चक्कर में इस प्रदूषण नामक समस्या को जन्म दिया है।
- प्रदूषण के कारण आज बेहद है भयावह स्थिति निर्माण हुई है और इसका जिम्मेदार सिर्फ मनुष्यों को ही ठहराया जा सकता है।
- प्रदूषण (pollution) यह वैश्विक समस्या है। पूरा विश्व आज इस समस्या के खिलाफ लढ़ रहा है।
- यदि प्रदूषण के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा रहा तो मनुष्यों का अंत निश्चित है।
- इसलिए मनुष्यों को पर्यावरण के प्रदूषण को रोखने के लिए विविध उपायों को अपनाना चाहिए। तभी जाकर इंसान एक स्वच्छ और निर्मल जिंदगी जी सकता है।
प्रदूषण पर निबंध 100 शब्दों में | pollution essay in hindi in 300 words
जब पर्यावरण को दूषित करने वाले कारक पर्यावरण में मिल जाते है तब प्रदूषण की उत्पति होती हैं। यह प्रदूषण पर्यावरण के संतुलन को बिगड़ा देता है। प्रदूषण यह मनुष्यों द्वारा हि निर्मित है लेकिन वही आज इंसान के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई हैं। प्रदूषण आज मनुष्य का सिरदर्द बन चुका है।
आज जिन पर्यावरणीय समस्याएं जैसे कि बाढ़, उष्माघात, आंधी, सुनामी से हम झूज़ रहे वह सभ प्रदूषण के कारण है और इसका जिम्मेदार मनुष्य ही है। यदि मनुष्य भविष्य में सुख और शांति से जीना चाहता है तो उसे बिगड़े पर्यावरण को ठीक करना होगा।
पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए विविध गतिविधियां आयोजित करनी होगी, जंगल कटाई पर रोख लगानी होगी, प्रदूषण निर्माण करने वाले घटकों को नष्ट करना होगा तभी जाकर इंसान का एक उज्वल भविष्य हो सकता है।
प्रदूषण कम करने के कुछ उपाय :
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाना
- दूषित गैस छोड़नी वाली वाहनों को इस्तेमाल ना करें
- दिवाली पर फटाखे न जलाएं
- नदी और पानी के अन्य स्रोतों को साफ सुतरा रखें
- Dj और साउंड को हाई volume पर न चलाएं
- आसपास का परिसर स्वच्छ रखे
- AC (Air conditioner) इस्तेमाल न करें
- पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों की कटाई ना करें
- पर्यावरण संतुलन के लिए विविध गतिविधियां आयोजित करें
प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में | pollution essay in hindi in 300 words
प्रदूषण आज मनुष्य जीवन को काफी बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहा है। इस प्रदूषण के कारण ही आज मनुष्य की आयु काफी कम हो चुकी है। प्रदूषण के कारण मनुष्य बेहद सारी बीमारियों से जखड गया है। लेकिन इस स्थिति का जिम्मेदार इंसान ही है।
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इंसान ने अपना और अपने देश का विकास करने हेतु कई आविष्कार किए लेकिन उसी के साथ उसने प्रदूषण को भी जन्म दिया। प्रदूषण विज्ञान की कोख से जन्मी हुई समस्या है। आज इसी प्रदूषण के कारण मनुष्य कई सारी समस्याओं का सामना कर रहा है।
प्रदूषण के प्रकार : प्रदूषण के निम्नलिखित कुछ प्रकार है –
वायु प्रदूषण :
यह प्रदूषण सबसे ख़तरनाक माना जाता है। औद्योगिक इकाइयों और वाहनों द्वारा छोड़ी जनी वाली प्रदूषित वायु के कारण यह वायु प्रदूषण होता है। कारखानों की चिमनियां और वाहनों से जो गैस निकलती उसमे कार्बन डाइऑक्साइड (CO२) , कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) जैसे घातक गैस मौजूद होते है जो पर्यावरण में वायु प्रदूषण निर्माण करते हैं। वायु प्रदूषण के कारण मनुष्य को सांस लेने तक दिक्कत हो जाती है।
जल प्रदूषण :
यह प्रदूषण भी मनुष्यो को काफी हदतक नुकसान पहुंचाता है। औद्योगिक इकाइयां और घरों में जो कूड़ा कचरा, प्रदूषित जल निर्माण होता है उसे हम नदी और पानी के और स्रोतों में छोड़ देते है। जिसके कारण जल प्रदूषण की समस्याएं निर्माण होती है।
ध्वनि प्रदूषण :
कारखानों में मौजूद बड़ी बड़ी मशीनों से बहुत बड़ी मात्रा में आवाज निर्माण होता है। यह ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। पर्यावरण में निर्माण होने वाले अनावश्यक बड़ी आवाज के कारण ध्वनि प्रदूषण होता है। रास्तों पर यातायात के समय वाहनों का कर्कश ध्वनि, दिवाली पर फोड़े जाने वाली फाटकों का आवाज इनके कारण भी ध्वनि प्रदूषण होता है।
मृदा प्रदूषण :
खेती में पेड़ पौधे पर जो किटकनाषक औषधी इस्तेमाल की जाती है वह मिट्टी में भी मिल जाती है जिसके कारण मृदा प्रदूषण होता है।
इन सभी प्रकार के प्रदूषणों के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा हुआ है। मनुष्य और पर्यावरण का जीवन चक्र अनिश्चित हो गया है।
प्रदूषण पर निबंध 500 शब्दों में | pollution essay in hindi in 500 words
आज के विज्ञान के युग में मनुष्य ने खुप प्रगति कर ली है। मनुष्य है दिन कुछ नया आविष्कार कर अपनी जिंदगी को सरल और आसान बना रहा है। जो काम करने को पहले इंसान को काफी घंटे लग जाते थे आज वही काम वह चुटकियों में कर रहा है। आज के युग संगणक और ऑटोमोबाइल कि आविष्कार की वजह मानवी जीवन काफी आसान हो चुका है।
आज मनुष्य कंप्यूटर की मदत से कई अंको के गनितों को काफी कम समय में कर पा रहा है। लाईट बिल भरना, इंकम टैक्स भरना, ऑनलाइन सेवा प्रदान करना यह सभी कार्यों को कंप्यूटर की मदत से घरबैठे करना आसान हो गया है। ऑटोमोबाइल में हुई नई खोजों के कारण यातायात भी काफी हदतक आसान हो गई है।
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मनुष्य विज्ञान की मदत से अपने जीवन आसान और सुलभ करने में सफल तो हो गया लेकिन उसने यह करने के लिए पर्यावरण की बिल्कुल ही चिंता नहीं की। उसने विकास के नाम पर पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा दिया। उसी के कारण मनुष्य आज कई सारे पर्यावरणीय समस्याओं से झुज रहा है।
मनुष्य ने खुद का विकास करने के लिए पैड पोधों को तोड़ा, उसने जंगलों को नष्ट किया, पशु पक्षियों को हत्या कि, जल और वायु स्रोतों को दूषित किया। इसकी वजह से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया और कई सारे प्रदूषण समस्याओं की उत्पति हुई।
प्रदूषण किसे कहते है
जब पर्यावरण को हनी पहुंचाने वाले घटक वातावरण में शामिल हो जाते है और उनकी वजह से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है तब उस प्रक्रिया को प्रदूषण कहते है। प्रदूषण निर्माण करने वाले घटकों को या विकारों को प्रदुषके कहते है। यह वह घटक होते है जो प्रदुषणिय समस्याओं को जन्म देते है।
प्रदूषण के प्रकार
आज के समय में ध्वनि प्रदूषण, हवा प्रदूषण, मृदा प्रदूषण जैसे कई सारे प्रदूषण मौजूद है। यह सभी प्रकार के प्रदूषण मिलकर पर्यावरण का विनाश करने में लगे है। यदि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया तो निश्चित तौर पर मनुष्य का जीवन भी संकट में आ जाएगा। क्योंकि हमारे जीवन को आवश्यक सभी घटक हमे पर्यावरण से ही मिलते है।
हमारे शरीर को ऑक्सीजन कि जरूरत होती है और यह हमे पर्यावरण से ही मिलता है। अन्न पानी और बाकी आवश्यक चीजे भी हमे पर्यावरण के कारण ही हासिल कर पाते है। यदि प्रदूषण के कारण पर्यावरण का विनाश हुआ तो मनुष्यों कि विनाश होना भी तय है।
प्रदूषण के कारण : प्रदूषण के कई सारे मुख्य कारण है जो कि पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्याओं को बढ़ावा दे रहे है। प्रदूषण के निम्नलिखित मुख्य कारण है –
जंगलों की कटाई
जंगलों की कटाई यह प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। इसी कारण की वजह आज पर्यावरण में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। आज विश्व कि आबादी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है और उसके कारण बेहद सारे जंगलों की कटाई कर वहां मनुष्य वस्तिया बसाई जा रही है। जिसके कारण पेड़ पौधे कम होकर जंगल नष्ट है रहे है। इसी कारण वातावरण का तपमान बढ़कर ग्लोबल वार्मिंग जैसी भयावह स्थिति निर्माण हो रही है।
बढ़ते उद्योगधंदे
आज औद्योगिकीकरण के कारण उद्योगधदे काफी तेजी से बढ़ रहे है और यह मनुष्यो के लिए कई समस्याएं निर्माण कर रहे है। इनके द्वारा निकला गया प्रदूषित धुवा और विषारी एसिड युक्त पानी हवा प्रदूषण और जल प्रदूषण की समस्याओं को बड़ा रहा है।
यातायात के साधन
जी बिल्कुल आज के युग के जो आधुनिक यातायात के साधन है वह भी प्रदूषण निर्माण के मुख्य कारणों में सामिल है। इन वाहनों से प्रदूषणकारी वायु निकलता है जो पर्यावरण के टेंपरेचर को बढ़ा रही है। इससे वायु और ध्वनि प्रदूषण भी काफी हद तक होता है।
यह कुछ पर्यावरणीय प्रदूषण निर्माण करने वाले मुख्य कारण है। जिनपर काम कर मनुष्यों को प्रदूषण कम करना होगा तबी इंसान एक स्वच्छ और निर्मल जिंदगी जी सकता है।
टिप : दोस्तों आज कि इस पोस्ट में हमने आपको प्रदूषण पर निबंध pollution essay in hindi, प्रदूषण एक समस्या, प्रदूषण पर निबंध हिंदी में लिखकर दिया है। इस प्रदूषण पर निबंध मे हमने प्रदूषण के कारण, प्रभाव, उपाय के बारे में बात की है।
प्रदूषण पर निबंध pollution essay in hindi यह निबंध आप कक्षा १,२,३,४,५,६,७,८,९,१० तक के सभी कक्षाओं के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह प्रदूषण पर निबंध हमने १० लाइनों में, १०० शब्दों में, ३०० शब्दों में, ५०० शब्दों लिखा है।